ब्राउन राइस में जंगली घास की मिलावट और नींद की समस्या - पंकज अवधिया

ब्राउन राइस में जंगली घास की मिलावट और नींद की समस्या

पंकज अवधिया   

मुंबई से मुझे लेने के लिए देश के एक बड़े औद्योगिक घराने से निज विमान (Private Jet) आया तो मुझे लगा कि कोई गम्भीर समस्या है. मुंबई पहुँचकर दोपहर का भोजन मेजबान के साथ किया और फिर तीन बजे से चर्चा का समय रखा. भोजन बड़ा ही स्वादिष्ट था. नींद आने लगी और क्षमा मांगते हुए मैंने चर्चा का समय पांच बजे करवा दिया। मेरी नींद पड गयी. जब उठा तो छै बज रहे थे. सिर भारी था. सात बजे चर्चा शुरू हो पायी।

उनके घर के एक बुजुर्ग सदस्य को भोजन के बाद महत्वपूर्ण व्यवसायिक मीटिंग में जाना होता था पर सादा भोजन करने के बाद भी उन्हें नींद आ जाती थी. उनकी बात से मुझे अपनी गहरी नींद याद आ गयी, आनन-फानन में पूरी भोजन सामग्री मंगवा ली गयी. १५ से अधिक रसोइये अगले आदेश के लिए पंक्ति में खड़े हो गये.

बुजुर्ग सदस्य ब्राउन राइस खाते थे. पर मेरे हाथ में जो ब्राउन राइस दिया गया था उसमे और कई तरह के बीजों की मिलावट थी. मुझे बताया गया कि ये सभी पारम्परिक अन्न हैं जिन्हे ब्राउन राइस के साथ मिलाकर पकाया जाता है. झट से दिमाग में कोदो का नाम आया. कोदो खाने के बाद अच्छी नींद आती है, उन्होंने कोदो होने से इंकार कर दिया। 

ब्राउन राइस वाले मिश्रण की आपूर्ति करने वाले को हाजिर कर दिया गया. एक माइक्रोस्कोप की मांग की गयी तो आधे घंटे में वह भी मिल गया. आपूर्तिकर्ता की जानकारी के अनुसार उस मिश्रण में १० प्रकार के अन्न होने थे पर सूक्ष्म विवेचन से पता चला कि १५ किस्म के बीज हैं. ये उन वनस्पतियों के बीज हो सकते थे जो पारम्परिक अन्न के साथ खेत में उगते हो और फसल काटते समय गलती से वांछित बीजो के साथ मिल जाते हों. 

तीन और घंटे गुजर गए. अब केवल एक बीज की पहचान बाकी थी. अपने एक वनस्पति विज्ञानी मित्र को उसकी तस्वीर भेजी तो उन्होंने पुष्टि की कि यह ब्रोमस नामक जंगली घास के बीज हैं. इनका सेवन भयंकर नींद लाता है और सिर को भारी कर देता है. फसाद की जड़ मिल गयी थी. मिश्रण आपूर्तिकर्ता को आगे से सावधानी बरतने की हिदायत दी गयी. 


देश के उत्तर-पूर्वी भागों के किसानो के साथ अर्जित किये गये अनुभव ने इस बार बड़ी सहायता की.       

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